पढ़हईया लईका मन ला हमर देश के सिरिजन करईया कहे जाथे। फेर आज के दिन मा ऊखर जिनगी के संग खिलवाड़ होवत हवै। ओ लईका मन ल बिन जबरन के कल्लई करात हवै। आजे काली बिहिनिया कुन पेपर म पढ़ेबर मिलिस कि एक झन लईका ह 12वीं म पहिलि सेरेणी म पास होगे हवै तभो ले कालेज म अपन मन के पढ़ नी सकत हवै।
पेपर म छपय रिहिस कि ओ लईका ह एसो 12वीं के परीक्छा दे रिहिस। फेर ओ लईका के काय गलती। ऐमा गलती तो ओछर पेपर ल जँचईया गुरूजी के रिहिस, जउन हा बिचारा लईका के बने-बने बनाए पेपर ला घलो अईसन जाँचिस कि ओ लईका हा उहिच बिषय मा पूरक आगे। जब ओ लईका ल लागिस कि मोर पेपर मा अंक निच्चट कम आगिस हवै ता अपन ईस्कूल के गुरूजी अऊ घर के सियान मन के केहे म अपन पेपर ला खोलवईस। जउन बिषय म ओ लईका हर फेल हो गे रिहिस ऊही बिषय म दूसरईया जँचवाए के बाद मा बने-बने अंक के संग म पास होगिस। ऐ दूसरईया जँचई के चक्कर मा ओ लईका के समेय ह घलो सिरागे, जेखर सेती ओ बिचारा कालेज मा दाखिला घलो नी पईस। आज ओ लईका हर पहिलि सेरेणी म पास होगिस तभो ले स्वाध्यायी पढ़ईया मन बरोबर ऊँहा पढ़ेबर परत हवै।
ए गोठ-बात म जँचईया मन के संगे-संग म हमर शिक्षा व्यवस्था के ऊपर म घलो सवाल उठत हवै कि हमर शिक्षा व्यवस्था ह अईसन कइसे कोनो लईका के जिनगी संग खेल सकत हवै। येहा एके झन लईका के गोठ नोहे, ऐखर असन कतको लईका मन ल अईसन हर बछर म छेले बर परथे। जउन मन ला बड़ कल्लई होथे। हमर राज के शिक्षा व्यवस्था ह अइसने रहिबे करहि त हमर देश के भाग्य बनईया कहवईया हमर पढ़हईया लईका मन के का होही? जउन मन ह अपन मेहनत ले पढई करथे फेर अईसन शिक्षा व्यवस्था के सेती ओ मन ल रोये ल पर जाथे।
पुष्पराज साहू
छुरा (गरियाबंद)
Very nice dost ,aise hi kavita banate raho
Aur chhattisgarh ki samashyaon ko ujagar karo taki sarkar ki aankhh khul jaye…. Aur samashya hal ho sake…..
Dhanyvaad nilesh bhai… Aise hi hausla badhate rha kro